क्या आपने कभी इस बात पर ग़ौर किया है कि लोग विभिन्न  आकार और प्रकार के होते हैं लेकिन सभी के फ़र्नीचर का साइज़ एक सा होता है? एक अदना सा दिखनेवाला मैनेजर एक बड़ी सी कुर्सी पर बैठता है जबकि एक बड़ी डील-डौल वाला सहायक व्यक्ति एक छोटी-सी कुर्सी पर असहज होकर बैठता है. या फिर आपकी दादी/नानी को सीढ़ियां चढ़ने में दिक़्क़त होती है अथवा उसे अपनी कुर्सी से उठने में तकलीफ़ महसूस होती है!

देशभर में अपने आप में अनूठे व समावेशी इंटीरियर डिज़ाइन सोल्यूशन्स के रूप में अपनी पहचान रखनेवाला अपस्पेसेस  मौजूदा डिज़ाइन्स की मान्यताओं को चुनौती देते हुए हरेक उपभोक्ताओं की पसंद के हिसाब से डिज़ाइन्स बनाने में यकीन करता है. उसका मानना है कि हरेक शख़्स समान होता है, उन्हें समान तरह के सपोर्ट, कंफ़र्ट व फ़ीचर्स की ज़रूरत होती है. ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हरेक की पसंद के हिसाब से अनूठे किस्म के डिज़ाइन्स तैयार किये जाएं जो ना सिर्फ़ पर्यावरण‌ के अनुकूल हों बल्कि सहजता का भी बख़ूबी एहसास कराएं. अपस्पेसेस की एक और बड़ी ख़ासियत है कि डिज़ाइन्स बनाते वक्त नेत्रहीन,  बधिर और व्हीलचेयर पर आसीन दिव्यांगों का भी ख़ासा ख़्याल रखा जाता है और इस तरह से समावेशी किस्म के डिज़ाइन्स बनाकर  लोगों की निजी ज़रूरतों व संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है.

एक सिंगर, बैंकर और समाजसेवी के रूप में पहचाने जानेवाकी अमृता फडनवीस ने मुम्बई से सटे ठाणे में इलाके में स्थित कोरम मॉल में देश के पहले और एकमात्र समावेशी डिज़ाइन सोल्यूशन्स स्टोर को लॉन्च किया.

अपस्पेसेस के संस्थापक विनोद माने ने इस मौके पर कहा, “अपस्पेसेस के लॉन्च के दौरान अमृता फडणवीस का मौजूद होना हमारे लिए बेहद गर्व का विषय है. वे समावेशिता की एक बेहतरीन मिसाल हैं और इस मौके पर उनकी उपस्थिति हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है.”

वे आगे कहते हैं, “हम ‘सिट’ टेस्टिंग के माध्यम से अपने ग्राहकों को चुनने का अधिकार देते हैं, अपने डिज़ाइन्स से उन्हें सहज महसूस कराते हैं और उन्हें चीज़ें उनके कंट्रोल में होने का एहसास कराते हैं. इस तरह से हम अपने उपभोक्ताओं को‌ निर्णय लेने‌ की प्रक्रिया में शामिल करते हैं,  उनकी इच्छाओं का सम्मान करते हुए उनकी तमाम शंकाओं का निवारण करते हैं और उनके सामने फ़र्नीचर से जुड़े तमाम विकल्प पेश करते हैं. इससे वे फ़र्नीचर के इस्तेमाल को लेकर और अच्छी तरह से सारी बातें समझ लेते हैं. ऐसे में उन्हें इस बात का शिद्दत से एहसास हो जाता है कि उन्हें निजी और प्रोफ़ेशनली भी अपनी पसंद के हिसाब से ही चीज़ें प्राप्त हो रही हैं. हमारे लिए समावेशिता का मतलब उपभोक्ताओं की पसंद और उनकी ज़रूरत से है जिसे हम सर्वाधिक प्राथमिकता देते हैं. हम उनकी ज़रूरतों को समझते हैं, उन्हें तरह-तरह के विकल्प मुहैया कराते हैं और फिर निजी तौर पर उनकी सोल्यूशन्स प्रदान करते हैं. आप जिस जगह को पसंद करते हैं, वो आपकी शख़्सियत का अक्स होती है और हमारे डिज़ाइन्स और सोल्यूशन्स भी उसी का प्रतिबिम्ब होते हैं. हमारे उपभोक्ताओं की ज़रूरतों और हमारे अनुभवों से पता चलता है कि समावेशी डिज़ाइन्स उपेक्षित पड़ी जगहों में जान डाल देते हैं और उन्हें स्वस्थ व सकारात्मक वातावरण में तब्दील कर देते हैं.”

श्रीमती अमृता फडणवीस ने इस अवसर पर कहा, “दुनिया भर में एक अरब से ज़्यादा लोग किसी ना किसी तरह से दिव्यांग हैं. इसके बावजूद हमारे समाज तंगख़्याली का शिकार है और वह समावेशिकता के विपरीत बर्ताव करता है. मुझे गर्व है कि मुझे अपस्पेसेस को लॉन्च करने का मौका मिला है जो सभी को समान रूप से अपनी क़ाबिलियत दिखाने और अपनी ख़्वाहिशों को व्यक्त करने का सुनहरा मौका उपलब्ध कराता है. इसका श्रेय उनकी समावेशी नीति को जाता है. यह संस्थापकों की दूरदृष्टि ही है कि उन्होंने मानवीय और लोगों की अर्थपूर्ण सहभागिता को इस क़दर‌ प्राथमिकता देने‌ के बारे में सोचा. समान व गुणवत्तापूर्ण परिवेश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के चलते ही यह संभव हो पाया है, फिर चाहे वो घर हो, ऑफ़िस का वातावरण हो या फिर वर्क फ़्रम होम डिजाइन्स स्पेस हो. मैं हरेक आंत्र्यप्योनर से यह गु़जारिश करूंगी कि वे भी अपनी सोच को बड़ा बनाएं इसी तरह से समावेशी नज़रिया अपनाएं.”

उल्लेखनीय है कि आम लोगों को केंद्र में रखकर बनाए गये उत्पाद महज़ किसी एक आदर्श यूज़र को ध्यान में रखकर तैयार नहीं किये जा सकते हैं. एक काल्पनिक एंड-यूज़र क्रिएटर का प्रतिबिम्ब बनकर रह जाता है और उत्पाद का इस्तेमाल करनेवाले असली एंड-यूज़र्स के लिए उसकी ज़्यादा उपयोगिता नहीं रह जाती है. यहीं पर समावेशिता का एक अहम महत्ब उभरकर सामने आता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे निजी अनुभव अलग-अलग होते हैं और ‘सामन्य’ अथवा ‘औसत’ एंड-यूज़र्स किसी ग़लतफ़हमी के अलावा और कुछ और साबित नहीं होता है.

अपस्पेसेस अपनी तरह का एक अनूठा होम इंटीरियर डिज़ाइन ब्रांड है. सेवाएं लेने पर क्रिएटर आपके घर, दफ़्तर या फिर वर्क फ़्रम होम स्पेस में दाखिल होते हैं और समावेशी किस्म के डिज़ाइन्स के ज़रिए आपको अनूठा और अद्भुत अनुभव प्रदान करते हैं. अपस्पेसेस के‌ क्रिएटर्स सभी के लिए एक‌ ही तरह के डिज़ाइन आज़माने पर‌ यकीन नहीं रखते हैं और डिज़ाइन्स के मामले में आपको विविध तरह के विकल्प उपलब्ध मुहैया कराते हैं जो एंड यूज़र्स के निजी पसंद के अनुरूप होते हैं.

विनोद माने ने कहा “समावेशिता और अभिगम्यता (एक्सेसिबिलिटी) बेहद अहम हो जाते हैं. इससे हमारे डिज़ाइन संपूर्णता में निखरकर आते हैं. इसी नज़रिये के मद्देनज़र हम व्हील-चेयर पर बैठे दिव्यांग से लेकर नेत्रहीन शख़्स तक सभी के लिए ख़ासतौर के सुविधायुक्त डिज़ाइन्स बनाने में सफल साबित हुए हैं.”

इस मौके पर श्रीमती अमृता फडणवीस ने कहा, “समावेशिता सबसे अहम है. अकेले होकर हम ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं. अगर हम समावेशी ढंग से काम करें तो मिलकर दुनिया का सामना कर सकते हैं और निजी हितों से ऊपर उठकर औरों का भला कर सकते हैं. हमें नहीं भूलना चाहिए कि अलग-अलग तरह के फूलों से ही रंग-बिरंगा गुलदस्ता तैयार होता है  जिसकी महक फ़िज़ा को ख़ुशनुमां बनाती है.”

   

सिंगर, बैंकर और समाजसेवी अमृता फडनवीस ने ठाणे में भारत के सर्वप्रथम समावेशी इंटीरियर डिज़ाइन सोल्यूशन्स हब को किया लॉन्च

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